जैसा कि आप सभी जानते हैं कि एक समय हुआ करता था कि लोगों के घर में डाकिया चिट्ठी लेकर आया करता था और उनकी रोजाना जिंदगी का हिस्सा उनको पढ़कर सुनाएं करता था. लेकिन आज के समय में लोगों के घर में डाकिया चिट्ठी के रूप में कुछ नहीं आता वह सिर्फ किताब या कोई खास चिट्ठी आती है.
यह सब टेलीफोन telephone की वजह से हुआ है, जैसे कि पुराने समय में लोग अपने संदेश भेजने के लिए चिट्ठियों का इस्तेमाल करते थे और वह चिट्टियां पहले कबूतरों की मदद से भेजी जाती थी। और फिर उसके बाद डाक के जरिए भेजे जाने लगी फिर धीरे-धीरे प्रणाली आरंभ हो गई और उसके बाद डाकघर स्थापित किए गए। परंतु जब से टेलीफोन telephone का आविष्कार हुआ अब कोई भी व्यक्ति किसी भी दूसरे व्यक्ति को चाहे वह दुनिया में किसी भी कोने में बैठा हूं उससे बात कर सकता है। पहले आप अपना संदेश भेजना और उसका जवाब मिलने में काफी लंबा समय लग जाता था परंतु जब से टेलीफोन का आविष्कार हुआ है. लोगों की जिंदगी बदल गई है मिंटू का काम तुरंत होने लगा है उसकी उसकी वजह है टेलीफोन telephone हम आपको बताएंगे। टेलीफोन telephone का आविष्कार किसने किया इसके बारे में.
टेलीफोन क्या है? What is a Telephone?
टेलीफोन Telephone एक टेलीकम्युनिकेशन डिवाइस telecommunication device है। जिसकी मदद से कोई भी इंसान अपने घर से दूर बैठे हुए इंसान से आसानी से बात कर सकता है. एक टेलीफोन ही है जिसकी मदद से हम एक समय पर दो या दो से अधिक व्यक्तियों भी एक समय पर बात कर सकते हैं। और अपनी बात को एक दूसरे को समझा सकते हैं ,और बता सकते हैं. टेलीफोन Telephone को हिंदी में दूरभाष आया दूरभाष यंत्र कहते हैं भले ही आज के समय में लोगों के पास स्मार्टफोन हो गए हो इसमें दुनिया भर के के एप्लीकेशन और टेक्नोलॉजी का आप इस्तेमाल करते होंगे|
परंतु यह स्मार्टफोन भी एक टेलीफोन telephone का ही आधुनिक रूप है अगर टेलीफोन का आविष्कार ना हुआ होता तो स्मार्ट फोन भी ना आया हो आया हुआ होता और लोग इसे आज आसानी से नहीं चला रहे होते। भले ही आज हम अपने स्मार्टफोन से बात करने के अलावा बहुत कुछ काम करना सीख गए हैं परंतु जब टेलीफोन telephone का समय था तो केवल व्यक्ति एक दूसरे से बात ही कर सकते थे और इस से ज्यादा कुछ नहीं होता था.
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टेलीफोन काम कैसे करता है?
अगर हम टेलिफोन telephone के काम करने के तरीके को समझे तो टेलीफोन इंसान की आवाज को सिग्नल में बदलता है। और किसी अन्य डिवाइस की मदद से सिग्नल सामने वाले ने टेलीफोन telephone में जाता है. उससे या सिग्नल एक आवाज़ के रूप में हमें सुनाई देता है. जिसकी वजह से हम सामने वाले इंसान की आवाज सुन पाते हैं। लेकिन आज के समय में वही यही बात करने की प्रक्रिया मोबाइल फोन की मदद से भी होने लगी है. जिससे इंसान चलते फिरते हुए भी सामने वाले से मोबाइल के जरिए बात कर सकता है। लेकिन पुराने समय में ऐसा नहीं था पहले टेलीफोन telephone में तार का इस्तेमाल किया जाता था और उस उसकी तार की मदद से ही आपकी आवाज सामने वाले की टेलीफोन में पहुंचती थी.
टेलीफोन का आविष्कार किसने किया था?
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज के समय में टेलीफोन का बहुत ही कम इस्तेमाल किया जाता है इसके स्थान पर मोबाइल का ज्यादा उपयोग किया जाता है पहले के समय में क्या होता था जब टेलीफोन telephone का आविष्कार हुआ और लोगों के बीच यह आम हो गया था। तब हर घर में टेलीफोन देखने को मिलता था लेकिन आज के दौर में आपके हाथ में मोबाइल स्मार्टफोन आ गए हैं और यह भी टेलीफोन telephone का एक आधुनिक रूप है।
आपको बता दें कि इस स्मार्टफोन से पहले कीबोर्ड वाले मोबाइल फोन ही हुआ करते थे मोबाइल फोन का आविष्कार 3 अप्रैल 1973 में अमेरिकन इंजीनियर मार्टिन कपूर ने किया था ,टेलीफोन के आधुनिक रूप के अविष्कार तक पहुंचने में बहुत से वैज्ञानिकों का हाथ है लेकिन अलेक्जेंडर ग्राहम बेलको टेलीफोन का मुख्य अविष्कारक माना जाता है.काफी समय तक टेलीग्राफ के जरिए ध्वनि को भेजने के ऊपर अलेक्जेंडर ग्राहम बेल और थॉमस एक्सपेरिमेंट कर रहे थे.
फिर 1 दिन क्या हुआ अलग जेंडर और वाटसन अपनी खोज में लगे हुए थे उस समय वाटसन ऊपर के कमरे में गए हुए थे और बैल नीचे की कमरे में थे अचानक उसमें बैल की पैंट में हल्का सा तेजाब गिर गया जैसे ही उनके ऊपर तेजाब गिरा उन्होंने एलेग्जेंडर को मदद के लिए आवाज लगाई तो उन्होंने यह सब कुछ सामान्य लग रहा था. फिर अचानक वाटसन को यह महसूस हुआ कि जो आवाज बस सुन रहे हैं वह उनके पास रखे हुए उपकरण में से आ रही है. यह वही दिन था जिस दिन अलग जेंडर ग्राम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार किया या अविष्कार 2 जून 875 को हुआ था फिर या आगे चलकर 876 में उन्होंने इसका आधिकारिक रूप से टेलीफोन के आविष्कार के रूप में स्वीकार किया गया.
मोबाइल पर बात करते समय सबसे पहले हेलो ही क्यों कहा जाता है?
जब ग्राहम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार किया था, तो आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि उन्होंने एक ही प्रकार के दो टेलीफोन बनाए। जिसमें उन्होंने अपने पास एक फोन रखा और अपनी गर्लफ्रेंड को एक फोन दिया। जिसका नाम मार्गरेट हेलो था।
जब उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड को फोन दिया और उसके बाद तमाम तकनीकी कमियों को दूर करने के बाद जब एलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने सबसे पहले अपनी गर्लफ्रेंड मार्टिन हेलो को फोन किया। फिर उसने बहुत प्यार से हैलो कहकर अपनी प्रेमिका का नाम पुकारा। वह जब भी मार्गरेट को बुलाते थे तो हमेशा नमस्ते करते थे। इस तरह फोन उठाते ही हैलो कहना एड्रेस ऑफ वर्ड के रूप में लोकप्रिय हो गया और आज भी जब हम किसी को कॉल करते हैं तो सबसे पहला शब्द हैलो का इस्तेमाल होता है।
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