आपको बता दें कि ओटीपी OTP का उपयोग बैंकिंग लेनदेन या अपने किसी डिजिटल अकाउंट में लॉग इन करने पर ईस्टर मोबाइल नंबर में एक मैसेज आता है जो 6 नंबर का कोड होता है। उसे ही ओटीपी OTP कहते हैं ओटीपी का फुल फॉर्म वन टाइम पासवर्ड होता है। आज इसका उपयोग अधिकांश डिजिटल अकाउंट में लॉगिन करने वाले दिन के लिए किया जा रहा है. जैसे कि गूगल अकाउंट सोशल अकाउंट आदि में ओटीपी OTP का उपयोग किया जाता है, वेरिफिकेशन करने के लिए लेकिन आज भी अधिकांश लोग ओटीपी के बारे में उतना नहीं जानते जितना कि उन्हें जाना चाहिए। आज हम इस पोस्ट में आपको ओटीपी क्या होती है इसके बारे में आपको विस्तारपूर्वक बताएंगे तो चलिए आपको उसके बारे में बताते हैं.
OTP (One Time Password) क्या होता है ?
ओटीपी OTP का फुल फॉर्म वन टाइम पासवर्ड (OTP वन टाइम पासवर्ड) होता है। ओटीपी OTP एक पासवर्ड है जो कंप्यूटर सिस्टम या अन्य डिजिटल डिवाइस पर एक बार लॉगिन या लेनदेन के लिए केवल एक बार मान्य होता है। इसे वन टाइम पासवर्ड या डायनामिक पासवर्ड के रूप में भी जाना जाता है। यह वन टाइम पासवर्ड OTP एक निर्दिष्ट समय सीमा के लिए जेनरेट किया जाता है। यदि इसे समय सीमा के भीतर दर्ज नहीं किया जाता है तो यह समाप्त हो जाता है और इसे पुन: उत्पन्न करना पड़ता है। इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी और धोखाधड़ी से काफी हद तक बचा जा सकता है।
ओटीपी OTP जनरेट करने की प्रक्रिया random होती है। इससे किसी और के लिए इसका अनुमान लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है। अगर आपके किसी ऑनलाइन अकाउंट का लॉगिन पासवर्ड दूसरे व्यक्ति द्वारा पता लगा लिया जाता है, तो वह डेटा को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है और अवैध लेनदेन नहीं कर सकता है क्योंकि उनके पास ओटीपी OTP नहीं है।
Read More: CAD ka Full Form Kya Hai
ओटीपी को हिंदी में क्या कहते हैं ? What is OTP called in Hindi?
आइए यह भी जानते हैं कि ओटीपी OTP को हिंदी में क्या कहते हैं। O – One, T – Time, P – Password ओ-वन, टी-टाइम, पी-पासवर्ड यानि ओटीपी OTP का फुल फॉर्म होता है- वन टाइम पासवर्ड और अगर आप इसका हिंदी में मतलब समझते हैं तो आप इस पासवर्ड का इस्तेमाल सिर्फ एक बार कर सकते हैं। ताकि कोई अनजान व्यक्ति इसका गलत इस्तेमाल न कर सके, इसलिए इसे सिर्फ एक बार और निर्धारित समय सीमा के भीतर ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
OTP कितने अंक का होता है?
ओटीपी OTP अलग-अलग प्लेटफॉर्म और अलग-अलग वेरिफिकेशन के हिसाब से अलग-अलग डिजिट का ओटीपी OTP भेजा जाता है। उदाहरण के लिए, OTP 4 अंक, 6 अंक और 8 अंक का हो सकता है। जैसे – कोई सामान्य वेरिफिकेशन के लिए 4 अंक का ओटीपी OTP भेजा जाता है, संवेदनशील वेब पोर्टल में एक्सेस के लिए 6 अंको का OTP प्राप्त हो सकता है और बैंकिंग लेनदेन के लिए 6 से 8 अंकों का ओटीपी OTP प्राप्त किया जा सकता है जैसे मनी ट्रांसफर फिर पासवर्ड के माध्यम से वेरिफिकेशन । पूरा हो गया है। अतः ओटीपी 4, 6 और 8 अंक का होता है जो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी में प्राप्त होती है।
ओटीपी (OTP) का उपयोग क्यों किया जाता है ? Why OTP is used?
ओटीपी का उपयोग वास्तविक उपयोगकर्ता को वेरीफाई करने, हैकर्स से डेटा चोरी को रोकने, ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने, इंटरनेट बैंकिंग में ऑनलाइन फंड ट्रांसफर को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है। हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि ओटीपी OTP वन टाइम पासवर्ड है जिसका इस्तेमाल एक बार निर्धारित समय सीमा के भीतर वेरिफाई करने के लिए किया जाता है। इससे डिजिटल रूप से स्टोर डाटा को और बैंकिंग सिस्टम को काफी हद तक सिक्योर किया जाता है।
क्या आपका Amazon, Flipkart या अन्य शॉपिंग साइट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर अकाउंट है? यदि हां, तो क्या आपने अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को इस खाते से लिंक किया है? ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले ज्यादातर लोग अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को अपने अकाउंट से लिंक रखते हैं। इससे वे शॉपिंग करते समय फ़ास्ट पेमेंट कर पाते है। जब ऑनलाइन पेमेंट करते है तब आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एक ओटीपी प्राप्त होता है। इसे निर्धारित बॉक्स में भरकर वेरीफाई करने के बाद ही आपका पेमेंट सक्सेसफुल होता है।
OTP से क्या फायदें होते है (Advantages of OTP in Hindi)
हमें यह भी पता होना चाहिए कि OTP के क्या-क्या फायदे होते हैं। क्योंकि आज ज्यादातर डिजिटल सेवाओं ने ओटीपी का इस्तेमाल किया है। तो आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में-
OTP हमारे डिजिटल अकाउंट जैसे – Social Account, Google Account, Internet Banking Account आदि को सुरक्षित रखता है।
अगर हमारे किसी अकाउंट का लॉग इन आईडी और पासवर्ड किसी और को मिल भी जाता है तो हमें ज्यादा नुकसान नहीं होता है। क्योंकि ओटीपी पासवर्ड के बिना संवेदनशील बदलाव या लेनदेन नहीं किया जा सकता है।
वास्तविक उपयोगकर्ता (उपयोगकर्ता) को ओटीपी के माध्यम से प्रमाणित किया जाता है। यह खाते को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा एक्सेस किए जाने से बचाता है।
ओटीपी सेकेंड लेयर सिक्योरिटी है। अगर किसी को आपकी लॉगइन आईडी पता चल भी जाती है तो भी वह लॉग इन नहीं कर पाएगा। क्योंकि उसे सेकेंड लेयर सिक्योरिटी कोड यानी ओटीपी नहीं मिलेगा। अपने सोशल, गूगल आदि अकाउंट में टू स्टेप वेरिफिकेशन सर्विस हमेशा ऑन रखें।
OTP एक निर्धारित समय सीमा के लिए जनरेट होता है। यानि अगर इस समय सीमा के बाद कोई अन्य व्यक्ति OTP को जान भी लेता है, तब भी ये काम नहीं करेगा। यानि ये हमारे अकाउंट को स्ट्रॉन्ग सिक्योरिटी प्रदान करता है।
OTP का इस्तेमाल कहाँ कहाँ किया जा रहा है ?
ओटीपी OTP के महत्व और उपयोगिता को देखते हुए इसका उपयोग अधिकांश डिजिटल खातों के लिए किया जा रहा है। जैसे यह सभी बैंकिंग सेवाओं के लिए उपयोग किया जाता है। यदि आप ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करना चाहते हैं, घर से एटीएम ऑर्डर करना चाहते हैं, बैंकिंग अकाउंट में कोई संवेदनशील बदलाव करना हो तब आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर ओटीपी भेजा जाता है। इसके साथ ही एटीएम सर्विसेज के लिए otp प्राप्त होती है।