जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कि आपने एसआईपी SIP के बारे में बात करते हुए बहुत लोगों के मुंह से सुना होगा SIP से जुड़े काफी पोस्ट आपने अपने मोबाइल या कंप्यूटर में देखे होंगे पर आप नहीं जानते SIP क्या है ,तो इस पोस्ट में हम आपको एसआईपी SIP के बारे में बताएंगे SIP की फुल फॉर्म क्या होती है, इसके बारे में आपको विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे तो चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.
सिप SIP क्या है
एस आई पी SIP का फुल फॉर्म होता है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान Systematic Investment Plan इस को हिंदी में कहते हैं व्यवस्थित निवेश योजना इसमें आप सप्ताहिक , छमाही में निवेश कर सकते हैं SIP में कम अकाउंट फंड में निवेश की शुरुआत की जा सकती है यह उन लोगों के लिए बहुत जरूरी है जिन्हें वित्तीय बाजारों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है.
एसआईपी क्या है
एसआईपी SIP एक म्यूच्यूअल फंड mutual fund investment निवेश योजना है इसका मतलब होता है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान Systematic Investment Plan इसमें एक बार इकट्ठा पैसा ना देकर आप हर महीने एक छोटी राशि जैसे कि 100 से 1000 हजार रुपए के साथ पैसों को व्यवस्थित रूप से निवेश कर सकते हैं। इसके बाद सभी SIP मिचेल फ्रेंड को म्यूच्यूअल फंड कंपनी द्वारा एक बेहतरीन और अनुभवी फंड मैनेजमेंट टीम की मदद से मैनेज किया जाता है।
और स्टॉक मार्केट में अलग-अलग स्टॉक में निवेश किया जाता है SIP में हर महीने पैसा निवेश करने से निवेशक को हर महीने अलग-अलग मात्रा में यूनिट मिलती हैं और इन यूनिट की वैल्यू स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है मतलब कि यदि मार्केट डाउन है तो आपको कम एनएवी NAV के साथ अधिक यूनिट मिलती है .
जैसा कि आप सभी जानते हैं एक टाइम था जब हमारे बुजुर्ग हमें fd और rd करके पैसा जमा करने की सलाह देते थे, लेकिन आज के समय में एफडी और आईडी की तुलना में SIP कई गुना अधिक रिटर्न देती है ,इसी वजह से पिछले कुछ समय से एसआईपी SIP बहुत अधिक चर्चा में है. आप ऐसा SIP प्लान में किसी भी टाइम में अपना पैसा निकाल सकते हैं पर fd और rd में ऐसा नहीं होता।
वैसे आप म्यूच्यूअल फण्ड में दो तरीके से निवेश कर सकते हैं पहला अपना एक लुम्प्सम amount मतलब कि आप ऐसा एक बार में ही सारा पैसा कंपनी को दे दे। और दूसरा एसआईपी SIP करके कुछ पैसा हर महीने देते रहिए, इसलिए यदि आप अपना एक बार में ही कर देते हैं तो आपके लिए फंड कंपनी और यदि उस समय बाजार ऊंचा चल रहा है, तो आपको उच्च एनएवी पर कम इकाइयां मिलेंगी!
लेकिन एसआईपी SIP में आपको हर महीने पैसा देना होता है इसलिए आपको हर महीने के पैसे से हर महीने म्युचुअल फंड कंपनी आपके लिए यूनिट खरीदती है और यदि किसी महीने मार्केट हाई हुई तो आपके आपको कम और जिस महीने में मार्केट गिरी तो उस महीने में अधिक यूनिट मिलती है.
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एनएवी NAV क्या है
आपको बता दें कि एनएवी NAV म्यूचुअल फंड mutual fund के अंतर्गत एसआईपी SIP में निवेश यानी नेट ऐसेट वैल्यू Net Asset Value के अनुसार होती है। NAV का अर्थ म्यूच्यूअल फंड की एक यूनिट का मूल्य होता है जिस प्रकार शेयर बाजार में 1 शेयर का मूल्य उसके निवेश पर किया जाता है। उसी तरह म्युचुअल फंड mutual fund में एक यूनिट से निवेश शुरू किया जाता है। NAV नेट ऐसेट वैल्यू हर दिन मार्केट के हिसाब से बदलती रहती है. जब देश की शेयर बाजार में तेजी आती है तो ज्यादा होती है और जब बाजार में गिरावट आती है तो अंको में भी गिरावट आ जाती है.
एसआईपी SIP उन लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जो कि मिडिल क्लास से ताल्लुक रखते हैं वह छोटी राशि के साथ निवेश कर सकते हैं जिन्हें निवेश की ज्यादा जानकारी नहीं होती है. अगर एसआईपी SIP को साधारण भाषा में बताया जाए तो ऐसी एसआईपी SIP का निवेश के साथ ज्यादा मुनाफा कमाने का एक आसान तरीका है. जिसमें 1 लंबी अवधि में ज्यादा सेविंग कर सकते हैं जब निवेशक अपनी एसआईपी SIP के अंदर किस्त जमा करता है तो म्यूच्यूअल फण्ड mutual fund फॉर्म आपको nav के आधार पर निवेश के लिए चयनित की गई टीम स्कीम की इकाई में बांट देती है.
आपको बता दें कि SIP में भी रिस्क होता है, इस तरह आपको लॉन्ग टर्म तक प्रॉफिट पाने का अच्छा मौका मिल सकता है। एसआईपी योजना यह भी सुनिश्चित करती है कि निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मुनाफा कमाने का कोई अवसर न छूटे!
हम इसे एक उदाहरण के तौर पर आपको समझा सकते हैं मान लीजिए आपने म्यूच्यूअल फंड की एनएवी अभी ₹20 और ₹1000 निवेश करते हैं। Units Allot = 1000 / 20 = 50 Units
यहां पर आपके इस निवेश के बाद आपको उस निवेश की कुल 50 यूनिट दी जाएंगी यूनिट मैचुअल फंड की एनएवी NAV बढ़ती है तो आपके निवेश में भी बढ़ोतरी होगी माना 1 साल के बाद एक यूनिट की NAV ₹30 हो जाती है तो अब 50 *30 =1500 यानि जो Units आपने 1000 में खरीदी थी उनका मूल्य अब 1500 हो चुका है!
एसआईपी रिस्क क्या है
एसआईपी SIP में लंबे समय के लिए कम राशि में निवेश होता है इसलिए इसमें रिस्क कम दिखाई देता है.
अगर कभी एसआईपी SIP में आपका इन्वेस्टमेंट का स्तर गिर जाए तो वहां पर आप को खतरा हो सकता है।
आपको बाजार के बेसिक व्यापार के साथ चलना हो गया ऐसे में कम मूल्य पर आपका जमा किया हुआ निवेश खत्म हो सकता है।
किसी भी एक कंपनी का ग्रेड गिरने से म्यूचुअल फंड के यूनिट के मूल्य पर भी आप असर पड़ता है.
अगर कोई कंपनी किसी पेमेंट को लेकर बॉन्ड फोल्डर को किसी तरह का धोखा देती है तो यह Default Risk हो सकता है.