मिशन इंद्रधनुष अभियान भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं परिवार कल्याण द्वारा शुरू किया गया इसमें सात रंगों के समान किसने सात रंग का मतलब बच्चों के टीकाकरण से है इसलिए इस मिशन का नाम मिशन इंद्रधनुष रखा गया है जिसके तहत बच्चों को 7 प्रकार के टीके नहीं लगे हैं उनको बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान का शुरुआत की गई जो कि 25 दिसंबर सन 2014 को केंद्र स्वास्थ्य मंत्री द्वारा इस योजना का आरंभ किया गया इस योजना को अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिवस पर लांच किया गया था इस योजना के तहत सभी बच्चों को टीकाकरण अभियान के अंतर्गत जोड़ने का काम किया जा रहा है जिसके तहत बच्चों को टीकाकरण करके उन्हें बीमारी से बचाने के लिए चालू किया गया आज हम आपको इसके बारे में ही बताने वाले हैं कि मिशन इंद्रधनुष क्या है किन राज्यों के लिए लागू होता है उसके बारे में हम आपको संपूर्ण जानकारी देंगे।
प्रधानमंत्री मिशन इंद्रधनुष योजना
आपको बता दें कि इस योजना के तहत जो बच्चे टीकाकरण से वंचित रह गए उन्हें टीकाकरण करके 7 तरह की बीमारियों से बचाने के लिए इस टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई है। आपको बता दें कि सन 2009 से लेकर 2013 के बीच टीकाकरण की अवधि 61% से लेकर 65% तक ही पड़ी है जो कि हर साल 1% है जिससे पता चलता है कि हर साल बढ़ रही है उसके साथ टीकाकरण की रफ्तार बहुत ही कम है जिससे कि बच्चों को हो रही है जिसकी वजह से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं मौतों की संख्या बढ़ रही है जिसे रोकने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री मिशन इंद्रधनुष इसको नाम दिया। डिफ्थीरिया,काली खांसी (Whooping cough),हेपेटाइटिस बी,धनुस्तंभ (Tetanus)पोलियो यक्ष्मा (Tuberculosis) खसरा (Measles) इन बीमारी से बचने के लिया इस अभियान को शुरू किया गया।
Also Read: WAN ka Hindi Me Matlab Kya Hai? What is the Meaning of WAN in Hindi?
मिशन का पहला चरण आपको बता दें कि मिशन के पहले चरण की शुरुआत 7 अप्रैल 2015 को की गई आपको बता दें कि इसमें राज्य सरकार ने टोटल 28 राज्य के 201 जिलों को इसके अंदर रखा जिसके तहत उन्होंने देखा एंड राज्यों में बहुत सारे ऐसे बच्चे हैं जिन्हें कुपोषण जैसी बीमारी लगी हुई है जिससे कि वह इस से जूझ रही हैं इसे बचाने के लिए सरकार ने मिशन इंद्रधनुष की पहले चरण की शुरुआत की आपको बता दें कि इंद्र उसके पहले चरण में लगभग 900000 शासन किए गए जिसके तहत उन्होंने 7500000 बच्चों का टीकाकरण किया ताकि है खतरनाक बीमारियों से बच सके इसके तहत उन्होंने 2000000 महिलाओं को जो कि गर्भवती थी उन्हें टिटनेस के टीके लगाए ताकि वह भी खतरे से बची रहे उन्होंने जैसी बीमारी से बचने के लिए बच्चों को ज़िंक टेबलेट और ओरस के पैकेट बांटे ताकि पानी की कमी ना रहे आपको बता दें कि अभियान के चलते सरकार ने 4 भाग में बांटा।
मिशन का दूसरा चरण
आपको बता दें कि इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने अब 352 जिलों को इसके अंदर रखा जिनमें से उन्होंने 280 जिलों पर ज्यादा फोकस रखा बाकी बची हुई जिलों पर उन्होंने हाई फोकस रखा इस योजना के तहत उन्होंने बच्चों का टीकाकरण अभियान शुरू किया पहला टिकरा अभियान 7 अक्टूबर 2015 को शुरू होगा इसको भी इन्होंने साथ 4′ चरणों में बांटा जिसमे दूसरे भाग की शुरुआत 7 नवंबर 2015 को, तीसरे भाग की शुरुआत 7 दिसंबर 2015 की शुरुआत 7 जनवरी 2016 को रखी गई. इस योजना के तहत बच्चों को टीकाकरण अभियान से जोड़ा गया इसमें उन्हें पूर्ण रूप से नहीं लगा लगा लिया था और गर्भवती महिला को टीके लगे हुए थे. विजिट करके लोगों से पूछा गया कि आपके घर में कोई बच्चा है कोई महिला गर्भवती है जिसको जरूरत है कि उन्हें लगाया गया किया गया जो छूट गए थे.
Also Read: NSDL ka Full Form Kya Hota Hai? -In Hindi- What is the Full Form of NSDL?
मिशन इंद्रधनुष के चुनी हुई क्षेत्र
आपको बता दें कि मिशन इंद्रधनुष का लक्ष्य 2015 में मिशन के पहले चरण के लिए 201 जिलों का था दूसरे चरण में 280 जिलों के तहत दोनों जिलों को मिलाकर 50% लोगों को जिन्हें कि टीकाकरण नहीं लगा है उनके बच्चों को इस अभियान के अंतर्गत लाया गया इससे की महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण अभियान पूरा किया गया। इसमें सबसे 4 जिले जो टॉप पर रहे जो कि इस प्रकार है जैसे उत्तर प्रदेश ,बिहार ,मध्य प्रदेश ,राजस्थान लगभग यहां पर 25% ऐसे बच्चे हैं जिन्हें पूर्ण रूप से ठीक नहीं लगा था राज्य के अंतर्गत लोगों ने अभियान शुरू किया और लोगों को इसके बारे में बताएं ,पोलियो से बीमार बच्चों को इसके बारे में बताया गया इसके तहत हाई रिस्क वाले जोन में जहां की ज्यादा बच्चे गंभीर रूप से पीड़ित थे ऐसी बीमारियों से उन्हें टीकाकरण किया गया और उन्हें बचाया गया।
मिशन इंद्रधनुष की मुख्य महत्वपूर्ण बातें
आपको बता दें कि इस मिशन के तहत टीकाकरण अभियान को बहुत तेजी से चला गया जिससे कि सभी जिलों को कवर किया गया इस टीकाकरण ड्राइवर अभियान के पर ज्यादा जोर दिया गया जिससे कि टीकाकरण अभियान पूरा किया जा सके और गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों को इसका लाभ मिल सके जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पोलियो कार्यक्रम के तहत पोलियो मुक्त भारत बनाने के लिए इस अभियान से बढ़कर कोई अभियान नहीं है मिशन इंद्रधनुष के सफल करने के लिए केंद्र स्वास्थ्य पर पूरा जोर लगया कि सभी बच्चों को इस बीमारी से मुक्त भारत बनाया जा सके.
आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं कि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते हैं धन्यवाद
Also Read: DVI ka Full Form Kya Hota Hai? -In Hindi- What is the Full Form of DVI?