MCVC का फुल फॉर्म Minimum Qualification Vocational Course होता है। हिंदी में न्यूनतम योग्यता व्यावसायिक पाठ्यक्रम कहा जाता है। जिसे अब HSC व्यावसायिक पाठ्यक्रम के रूप में भी जाना जाता है।
यह छात्रों को दसवीं कक्षा के बाद पारंपरिक ग्यारहवीं और बारहवीं के पाठ्यक्रम करने के बजाय एक ही समय में व्यावसायिक पाठ्यक्रम करने का अवसर देता है, जिससे उनके नौकरी और स्वरोजगार की संभावना बढ़ जाती है। तो इस तरह से देखा जाए तो अब 10वीं पास कर चुके छात्रों के पास प्लस टू कोर्स, आईटीआई कोर्स और डिप्लोमा कोर्स के अलावा एमसीवीसी कोर्स का भी विकल्प है.
एमसीवीसी कोर्स की एक और अच्छी बात यह है कि इसमें छात्रों को कई शाखाओं का विकल्प मिलता है, जिसमें से छात्र अपनी रुचि के अनुसार किसी एक क्षेत्र का चयन कर सकते हैं, और उस क्षेत्र में अपना करियर आगे बना सकते हैं, जैसे इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर प्रौद्योगिकी आदि। .
- 2 साल के इस कोर्स के दौरान स्टूडेंट्स को ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिकल नॉलेज देने पर खास ध्यान दिया जाता है।
- एमसीवीसी पाठ्यक्रम के तहत उपलब्ध शाखाएं
- एमसीवीसी के तहत 5 कोर्स उपलब्ध हैं-
- अभियांत्रिकी प्रौद्योगिकी
- वाणिज्य प्रौद्योगिकी
- कृषि प्रौद्योगिकी
- स्वास्थ्य और पैरामेडिकल प्रौद्योगिकी
- गृह विज्ञान प्रौद्योगिकी
- एमसीवीसी कोर्स के लिए पात्रता
कोई भी छात्र जिसने किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास कर ली है वह एमसीवीसी कोर्स में शामिल हो सकता है, इस कोर्स में दाखिले के लिए सिर्फ 10वीं पास ही काफी है।
एमसीवीसी कोर्स की अवधि
- एमसीवीसी कोर्स 2 साल का होता है और सामान्य प्लस टू पैटर्न की तरह इसमें भी 11वीं और 12वीं का होता है
- एमसीवीसी कोर्स के लिए ट्यूशन फीस
- एमसीवीसी कोर्स के लिए ट्यूशन फीस बहुत कम है। अधिकांश संस्थानों में इस कोर्स को पूरा करने के लिए छात्रों को ₹2 से ₹5000 तक की फीस देनी पड़ सकती है।
- इस कोर्स के लिए अधिकांश कॉलेज या संस्थान राज्य और केंद्र सरकार द्वारा स्वयं प्रबंधित किए जाते हैं।
एमसीवीसी के बारे में कुछ रोचक बातें
एमसीवीसी कोर्स आज बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, और जो छात्र किसी कारण से 10वीं कक्षा में अच्छा स्कोर नहीं कर पाते हैं, और उन्हें आईटीआई या डिप्लोमा में प्रवेश नहीं मिल पाता है, यह कोर्स उनके लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है।
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एमसीवीसी कोर्स की मान्यता प्लस 2 पैटर्न के समान है, यानी एमसीवीसी कोर्स के बाद भी छात्र वो सभी काम और आगे की पढ़ाई कर सकते हैं जो वे प्लस टू पैटर्न के बाद कर पाते।
आज एमसीवीसी कोर्स के लिए हर राज्य में कई संस्थान हैं, लेकिन महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा एमसीवीसी संस्थान हैं।
एमसीवीसी के बाद मैं क्या कर सकता हूं?
एमसीवीसी कोर्स के बाद आप वह सब कुछ कर सकते हैं जो आप 12वीं के बाद करेंगे, यानी आप एमसीवीसी कोर्स के बाद तकनीकी नौकरी के लिए जा सकते हैं, या अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
इस कोर्स के बाद यदि आप उच्च शिक्षा के लिए जाना चाहते हैं, तो आप तकनीकी पाठ्यक्रम जैसे डिप्लोमा और इंजीनियरिंग के साथ-साथ गैर-तकनीकी पाठ्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं।
क्या एमसीवीसी आईटीआई के बराबर है?
- नहीं, एमसीवीसी आईटीआई के बराबर नहीं है।
- एमसीवीसी प्लस टू के बराबर है, जबकि आईटीआई +2 के बराबर नहीं है।
- कई सरकारी और निजी नौकरियां हैं जिनमें केवल आईटीआई छात्र आवेदन कर सकते हैं, एमसीवीसी नहीं कर सकते।
- वहीं, प्लस टू लेवल के कुछ ऐसे पद हैं, जिनके लिए एमसीवीसी वाले आवेदन कर सकते हैं, आईटीआई वाले नहीं कर सकते।
DCA का फुल फॉर्म क्या होता है ?
डीसीए का फुल फॉर्म
DCA का फुल फॉर्म “Diploma in Computer Application” है। हिंदी में इसका मतलब “डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन” है। इस कोर्स को करने से कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान प्राप्त होता है।
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डीसीए का क्या मतलब है?
डीसीए एक कंप्यूटर कोर्स है, जिसे पूरा करने के बाद उम्मीदवारों को कंप्यूटर में डिप्लोमा प्रदान किया जाता है। इस कोर्स को करने में आपको कंप्यूटर की बेसिक जानकारी दी जाती है। इसके अलावा इस कोर्स को करने से आप कंप्यूटर के अंदर सॉफ्टवेयर को अच्छे से चलाना भी सीख जाएंगे। डीसीए कोर्स के तहत आपको सॉफ्टवेअर डिजाइन, वेबसाइट डिजाइन एंड डेवलपमेंट, डाटाबेस डेवलपमेंट, कंप्यूटर नेटवर्क के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। साथ ही आपको वो सारी जानकारी मिल जाएगी जिसके माध्यम से आप कंप्यूटर से जुड़े काम कहीं भी कर सकते हैं।
डीसीए कोर्स करने में कितना समय लगता है?
DCA कोर्स करने में कैंडिडेट्स को 6 महीने का समय लगता है, लेकिन कई कंप्यूटर इंस्टिट्यूट ऐसे भी हैं जो इसे 1 साल में भी कर लेते हैं। यह उस संस्थान पर आधारित है जो उम्मीदवारों की सुविधा के लिए कंप्यूटर संस्थान चला रहा है। इसमें 2 सेमेस्टर होते हैं, जो इस प्रकार हैं-
डीसीए पाठ्यक्रम के लिए पात्रता
डीसीए के लिए उम्मीदवार की योग्यता 10+2 होनी चाहिए। DCA कोर्स ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद भी किया जा सकता है.
डीसीए कोर्स फीस
डीसीए कोर्स की फीस बहुत मामूली है। दोस्तों इस कोर्स में आपका पूरा खर्च 5000 से 20000 रुपये तक ही आता है।
डीसीए कोर्स के बाद नौकरियां
दोस्तों डीसीए कोर्स करने के बाद आप किसी भी कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर पर अप्लाई कर सकते हैं। डीसीए कोर्स करने के बाद आप कंप्यूटर के काम कर सकते हैं और अकाउंटेंट भी बन सकते हैं। डीसीए कोर्स करने के बाद आपके पास जॉब के कई विकल्प होते हैं।
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डीसीए कोर्स के बाद वेतन
इस कोर्स को करने के बाद आपकी सैलरी में अंतर हो सकता है क्योंकि आपकी पोस्ट के अनुसार आपको सैलरी मिलेगी जैसे –
- अकाउंटेंट – 1 से 4 लाख
- वेब डिजाइनर – 3 से 5 लाख
- सी++ डेवलपर – 3 से 6 लाख
- सॉफ्टवेयर डेवलपर – 2 से 8 लाख
- कंप्यूटर ऑपरेटर – 2 से 4 लाख
डीसीए पाठ्यक्रम
डीसीए कोर्स में आपको कंप्यूटर से जुड़ी सभी बेसिक जानकारी दी जाती है जैसे –
- कंप्यूटर
- सी प्रोग्रामिंग
- माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस
- कंप्यूटर चित्रलेख
- परियोजना प्रबंधन
- प्रोग्रामिंग का सिद्धांत
- सिस्टम विश्लेषण और डिजाइन
- वित्तीय लेखा प्रणाली
- ऑपरेटिंग सिस्टम और इंटरनेट की मूल बातें
- प्रबंधन सूचना प्रणाली और डीबीएमएस
इसके अलावा दूसरे सेमेस्टर में और भी विषय शामिल किए जा सकते हैं।
डीसीए की फीस कितनी है?
डीसीए कोर्स की फीस तय नहीं की जा सकती, क्योंकि यह कंप्यूटर संस्थान ही तय कर सकता है, क्योंकि अलग-अलग संस्थानों की अलग-अलग फीस होती है, लेकिन कुछ संस्थान ऐसे होते हैं, जो हर महीने 500 रुपये चार्ज करते हैं। और उम्मीदवारों को प्रवेश शुल्क अलग से देना होगा।
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