जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आजकल प्राइवेट हो गया प्राइवेट स्कूलों में मनमानी तरीके से पैसे मांगते है. जैसे कि पैसे पेड़ पर उग रहे हो और बच्चों के मां-बाप उन्हें तोड़कर उनके हाथ में रख देंगे ध्यान रखें यदि आप किसी स्कूल का चुनाव कर रहे हैं तो उसका सही से जाकर ही अपने बच्चे का एडमिशन कराएं .आजकल के दौर में बच्चों के लिए सही स्कूल का चुनाव करना एक चुनौती बन गया है आज का मार्केट में अब जहां जाओ वहां लोग पैसे पैसे के लिए रोते रहते हैं और अपने स्कूल के बारे में तरह-तरह की बातें करते रहते हैं कि मेरे स्कूल में यह वैरायटी है मेरे स्कूल में यह खासियत है।
आजकल शिक्षा के क्षेत्र में कपड़े सन इतना बढ़ गया है कि अपने बच्चे के लिए सही स्कूल का चयन करना बहुत ही कठिन हो गया है हर मां-बाप जाता है कि उसके बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले।
वह भविष्य में पढ़ लिखकर अच्छा आदमी बने और अपने देश और स्कूल का नाम रोशन करेगी लेकिन प्राइवेट स्कूलों की फीस कितनी है कि एक आम आदमी अपने बच्चे की पढ़ाई के बारे में सोच नहीं सकता है। आज हम आपको बताने वाले हैं सही स्कूल का चुनाव कैसे करें तो चलिए आपको उसके बारे में बताते हैं.
कैसे चुने अपने बच्चे के लिए सही बोर्ड
बच्चे के लिए सही स्कूल चुनाव अपने माता पिता सही स्कूल का चुनाव एक महत्वपूर्ण फैसला है अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड की उपस्थिति में और भी पेचीदा बना दिया है इस स्थिति में माता-पिता के लिए चुनाव करना चुनौतीपूर्ण बन जाता है कि वह अपने बच्चों के लिए कौन सा बोर्ड चुने।
और कोनसा बोर्ड अपने बच्चे की भविष्य के लिए अच्छा होगा या बुरा यह है परिवार के बजट के अनुसार होगा कि नहीं इसके बारे में ही सोच समझ कर फैसला लेते हैं आपको बता दें।
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कि यदि आप सीबीएसई बोर्ड के लिए जाते हैं तो यह एक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भारत का सबसे लोकप्रिय बोर्ड है जो भारत सरकार द्वारा नियंत्रित और किया जाता है इस बोर्ड में लगभग 19000 से अधिक स्कूल आते हैं.
इंजीनियर मेडिकल कॉलेज में कोरियर करना चाहते हैं तो इसके लिए छात्रों को से बसी के स्कूलों में ही डाला जाए क्योंकि भारतीय प्रवेश परीक्षा में पाठ्यक्रम और शिक्षा पर रस्सी के पाठ्यक्रम के अनुसार ही आते हैं इसलिए बच्चों को सही विकल्प सही बोर्ड में ही डालें।
सीबीएसई स्कूल के बोर्ड के फायदे
सबसे पहला फायदा यह है कि आपको सभी किताबें एनसीईआरटी की मिलती हैं।
सीबीएसई बोर्ड में पढ़ने के लिए यदि आप मेडिकल या नॉन मेडिकल की पढ़ाई करते हैं और इंजीनियरिंग डॉक्टर बनना चाहते हैं तो सीबीएसई का सिलेबस उनके सिलेबस से मैच करता है.
जिसके अनुसार आपको आगे चलकर बहुत ही आसानी होती है गणित और विज्ञान की किताब में केंद्रित परीक्षा प्रणाली होती है इसलिए आपको सीबीएसई बोर्ड का चुनाव करना चाहिए जो कि आपके भविष्य के लिए बहुत ही बेस्ट होगा।
बच्चों के लिए स्कूल चुनने का बेस्ट तरीका
सबसे अच्छा तरीका सबसे पहले आपको यह देखना चाहिए कि स्कूल और घर की दूरी कितनी है आपको अपने माता-पिता के फर्जी निभाते हुए अपने बच्चों का एडमिशन अपने जाता दूर कर देते हैं कि वह ट्रैवलिंग करने से ज्यादा समय लग जाता और उसे वह दो 4 घंटे ही नहीं थक जाता जिससे कि वह स्कूल में जाते टाइम तक एक्टिव नहीं रहेगा और थकान कारण नींद पूरी नहीं होगी वह बच्चा आपका खेलकूद में आगे नहीं होगा जिससे उसका भविष्य खराब हो सकता है उसका स्वास्थ्य भी खराब हो जाता है इसलिए बच्चे स्कूल की दूरी की दूरी से कम ही दूरी पर होना चाहिए जिससे कि वह जल्दी आ सके जल्दी जा सके.
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दूसरी बात स्कूल में टीचर फ्लाइट स्वभाव के हो यदि टीचर फ्लाइटस्वभाव के होंगे तो बच्चों का खेल मिलना उनके साथ तो बहुत जल्दी हो जाता है जिससे कि वह आसानी से टीचर की बातों को समझ जाते हैं और उनकी बात का बुरा नहीं मानते डिस्पलीने का भी पालन करते हैं इसलिए टीचर का स्कूल में फ्लाइट होना बहुत ही जरूरी है।
यदि आप किसी स्कूल में अपने बच्चे का एडमिशन करा रहे हैं तो आपको सकूल कीबोर्ड की जानकारी होना आवश्यक है यदि आप आना चाहते हैं तो वह स्कूल से मानता प्राप्त होना बहुत ही जरूरी है जिसके बाद ही बच्चे को सर्टिफिकेट में ध्यान रखना चाहिए ध्यान दें आजकल बच्चे को पढ़ाने के लिए जा रहा है स्कूल की फीस देनी होती है बच्चों को पढ़ा नहीं पाता इसलिए मैं आपको कोई परेशानी ना हो.
बच्चों को अपने सब्जेक्ट चुनने की आजादी
यदि बच्चे का स्कूल में एडमिशन करा रहे हैं तो अपने बच्चों से पूछ ले उसे क्या बनना है वह क्या करना चाहता है 10 वीं 12 वीं 11 वीं के सब्जेक्ट उसे खुद ही चुने दे उसे आगे क्या भविष्य करना है उसे कोई दबाव ना डालें यह सभी का पता लगाने के बाद अपने बच्चे के लिए अच्छे स्कूल का चयन करें कुछ ऐसे ही स्कूलों के लिए लिस्ट तैयार कर जिसमें बच्चों की सभी ख्वाहिश और की मनपसंद वाले सब्जेक्ट स्कूल में पढ़ाने जाते हो उसके बाद ही उस बच्चे का स्कूल में दाखिला कराएं।
ताकि उसे उसके सब्जेक्ट सारे सब्जेक्ट मिल जाए उसे पढ़ सके उसका मन भी ना टूटे तू सकता ना पड़े आपके बच्चे को यदि आपके पास पढ़ाई में कमजोर है तो आपको अपने बच्चों को टाइम देना होगा उसे पढ़ाना होगा खुद ही यदि आप ज्यादा फीस स्कूल में दे रहे हैं तो इस को बचाने की कोशिश करें और अपने बच्चों को घर में ही पड़ा है जिससे कि आप ट्यूशन फीस भी बचेगी। और आपका बच्चा बिना डरे पढ़ाई भी आपके साथ करेगा
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