हम आपको बताएंगे जीपीएस का फुल फॉर्म क्या होता है जीपीएस क्या होता है जीपीएस कैसे काम करता है तो चलिए आपको इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताते हैं.
GPS का फुल फॉर्म
आपको बता दें कि जीपीएस GPS का फुल फॉर्म होता है “Global Positioning System“सिस्टम इसे हिंदी में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम भी कहते हैं.
G – Global
P – Positoning
S – System
जीपीएस GPS, की मदद से दुनिया में कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी हो उसकी पोजीशन का पता लगाया जा सकता है ,इसका मतलब यह है कि एक यह एक ऐसा सिस्टम होता है जिसकी हेल्प से हम कहीं भी किसी का किसी भी समय के पोजीशन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
जीपीएस (GPS) क्या हैं :-
जैसा कि आप जैसा कि आपको हमने पहले ही बताया कि जीपीएस GPS का फुल फॉर्म ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम होता है। जीपीएस GPS में एक रेडियो नेविगेशन प्रणाली होती है, जो विश्व में कभी भी किसी भी मौसम में स्थिति में जैसे जमीन ,हवाई उपयोगकर्ताओं को उनके सटीक स्थान दिन के 24 घंटे का समय निर्धारित करने की अनुमति देता है। आप इसको इस प्रकार भी समझ सकते हैं कि यह एक उपग्रह नेविगेशन प्रणाली होती है जिसका उपयोग किसी विशेष स्थान तक पहुंचने के लिए किया जाता है उसे ही जीपीएस GPS कहते हैं.
अब जीपीएस GPS का इतना विकास हो चुका है कि है मोबाइल ,रेल ,बस ,कार इत्यादि बहुत सारी पब्लिक जगह में भी प्रयोग किया जाता है. गूगल मैप Google Map का उपयोग तो आप सभी लोग अच्छे से जानते होंगे और यह भी आपके फोन के जीपीएस GPS पर ही काम करता है आपके फोन में जीपीएस GPS की मदद से ही है। आपको अपने फोन का लोकेशन बताता है और आप इसकी सहायता से हम कहीं भी आ जा सकते हैं ,मान लीजिए कि आप किसी अनजान जगह पर हैं और आपको पता करना है कि यह जगह कौन सी है तो आप जीपीएस GPS और गूगल मैप Google Map की सहायता से आसानी से ऐसा कर सकते हैं।
जीपीएस (GPS) का इतिहास :-
आपको बता दें कि जीपीएस GPS की शुरुआत सन 1973 में डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस अमेरिका Department of Defense America द्वारा इस प्रोजेक्ट को लांच किया गया था. सन 1995 में यह ऑपरेशन में लाया गया था। जीपीएस GPS पहले अमीर आम नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं थी. पहले यह केवल अमेरिका की आर्मी के लिए ही इसका प्रयोग किया जाता था. इसके बाद जब इसे आम लोगों के लिए उपलब्ध करा गया तो उसकी क्वालिटी कम करके उपलब्ध कराया गया। कुछ समय बाद 2000 में आम नागरिकों के लिए उपलब्ध भी करा दिया गया.
जीपीएस (GPS) किस प्रकार काम करता हैं
आपको बता दें कि यह लगभग 30 सैटेलाइट ओं का एक नेटवर्क होता है जो पृथ्वी से करीब 20000 किलोमीटर दूर ऑर्बिट orbit में घूमता रहता है। जीपीएस GPS का एक्यूरेट accurate उपयोग करने के लिए कम से कम चार सेटेलाइट विजुअल satellites ‘visible’ होनी चाहिए। प्रत्येक सेटेलाइट रेगुलर समय का अंतराल पर अपनी पोजीशन तथा करंट समय की जानकारी सिग्नल के द्वारा भेजती रहती हैं।
हमारा जीपीएस रिसीवर GPS receiver इस सिग्नल को रिसीव receives करता है तथा इस मैसेज को रिसीवर तक पहुंचने में कितना समय लगा उसी का आधार पर कैलकुलेट करता है. कि यह सैटेलाइट कितनी दूर पर स्थित है। एक एक बार पता लग जाने पर कि यह सेटेलाइट से कितनी दूरी पर है तो जीपीएस डिवाइस यह पता लगा लेती है कि आप की लोकेशन क्या है हम trilateration कहते हैं।
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GPS के पार्ट :-
Space Segment
Control Segment
User Segment.
जीपीएस (GPS) के उपयोग :-
जीपीएस GPS का उपयोग हम अपनी लोकेशन को जाने के लिए करते हैं एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए भी जीपीएस GPS का प्रयोग किया जाता है. किसी भी चीज जैसे वह अन्य किसी वस्तु को ट्रैक करने के लिए भी जीपीएस GPS का प्रयोग किया जाता है। विश्व का नक्शा देखने आ बनाने के लिए भी जीपीएस GPS का प्रयोग किया जाता है. किसी भी देश के समय का पता लगाने के लिए भी जीपीएस का प्रयोग किया जाता है इसके अलावा जीपीएस GPS के और भी बहुत से प्रयोग होते हैं जिनका हम अपने जीवन में करते हैं.
GPS का महत्व :-
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि जीपीएस GPS का हमारे जीवन में बहुत ही अधिक महत्व है क्योंकि इसका उपयोग हमारे रोज ना किसी न किसी कार्य करने में अवश्य किया जाता है. यह एक ऐसा सिस्टम है जिसकी मदद से हम ट्रैकिंग लाइव tracking live तथा लाइव टाइमिंग इत्यादि के बारे में आसानी से पता लगा सकते हैं और उसका आनंद ले सकते हैं हमारे लाइव को सरकार बनाने में जीपीएस GPS का एक महत्वपूर्ण योगदान है.
GPS का भविष्य :-
आप सभी को पता है पिछले कुछ वर्षों से जीपीएस GPS ने जिस तरह से हमारे लिया परफॉर्म किया है उसको देखकर यह कहा जा सकता है. कि आने वाले समय में जीपीएस GPS का उपयोग और अधिक होने वाला है। और हमारे जीवन में यह एक अहम हिस्सा बन जाएगा।
विश्व के GPS सिस्टम
जैसा कि आप सब को मैंने बताया कि जीपीएस GPS सर्विस अमेरिका द्वारा प्रदान की जाती है. जिसे अमेरिका अपनी मर्जी के अनुसार चालू और बंद कर सकता है। 1999 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध के दौरान अमेरिका ने भारत की जीपीएस GPS की सर्विस देने से मना कर दिया था। ऐसी प्रस्तुति किसी और देश के साथ नहीं हो इस कारण बहुत सर देशों ने अपने-अपने जीपीएस GPS सिस्टम लॉन्च किए जैसे…
रूस Global Navigation Satellite System
यूरोप Galileo Positioning System(GPS)
चीन BeiDou Navigation Satellite System (BDS)
भारत NAVIC
आज हमने आपको जीपीएस GPS के बारे में बताया, कि जीपीएस GPS होता क्या है, जीपीएस GPS ,की फुल फॉर्म क्या है. जीपीएस GPS कैसे काम करता है, जीपीएस GPS की शुरुआत कब हुई .इसके बारे में हमें आपको विस्तार पूर्वक बताया यदि आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं.