जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भारत देश एक लोकतांत्रिक देश है यह हर साल कहीं ना कहीं किसी राज्य में वोट जरूर डाले जाते हैं जैसे कि आप सभी जानते हैं वहां मंत्री भारत का प्रधानमंत्री के लिए 5 साल में वोट किए जाते हैं इसके लिए ईवीएम मशीन EVM Machine की जरूरत पड़ती है ईवीएम के द्वारा वोट डाले जाते हैं जिसके द्वारा भारत सरकार की नई जनता एक नया राजनेता चुनती है। जो कि उनके लोकतंत्र को चला सके उसे हम चुनाव कहते हैं चुनाव में ईवीएम मशीन EVM Machine का उपयोग होता है वोटिंग के लिए ,
आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के बाद भारत का पहला चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से 27 मार्च 1952 के बीच हुआ इस दौरान चुनाव के समय वोट बैलट बॉक्स का इस्तेमाल होता था जिसमें एक विशेष कागज होता था जिस पर लोग अपना चुनाव चिन्ह का निशान लगाकर उस बैलट बॉक्स में डाल देते थे।
लेकिन इसमें भी लोग भ्रष्टाचार का प्रयोग करने लगे जिसके बाद से यह बिल्कुल खत्म कर दिया गया उसके बाद यह भी मशीन आई जिसके द्वारा वोट किए जाते थे और राजनेता चुने जाते थे एवं मशीन क्या होती है इसके बारे में आपको संपूर्ण जानकारी देंगे तो चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन क्या है
आपको बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक वाशिंग वोटिंग मशीन एक तरह की वोट करने वाली मशीन है इसका उपयोग वोटों के दौरान किया जाता है इसके द्वारा ही हम अपने राजनेता विधायक चुनते हैं ईवीएम मशीन के आने से वोटिंग प्रक्रिया और भी आसान हो गया जिसके चलते जल्दी से जल्दी ज्यादा वोट इसके द्वारा डाले जा सकते हैं ईवीएम मशीन से पहले वॉलेट बॉक्स का उपयोग होता था ईवीएम मशीन के जरिए मतों की गिनती बहुत तेजी से होती है और पांच 6 घंटे में ही रिजल्ट आ जाता है इतना ही नहीं इसके जरिए वोट करना भी आसान हो गया है आप केवल एक 2 मिनट लगा कर सीधा वोट अपने प्रिय राजनेता को डाल सकते हैं. ऐसे आदमी का समय धन और मेहनत भी बस्ती है इसलिए ईवीएम का उपयोग आजकल ज्यादा होता है.
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इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन कैसे काम करती है
आपको बता दें कि इसे कोई चलाने के लिए आपको कोई रॉकेट साइंस नहीं आना चाहिए जिसे आप पसंद करते हो उसके आपको बस बटन दबाना है और आप एक बटन दबाते ही आपका वोट उसके खाते में ढल जाएगा।
आपको बता दें कि मतदान अधिकारी भी एक बटन दबा कर तुरंत मशीन बंद कर सकता है ताकि वह मतदान केंद्र पर कि अगर कोई हमला करें तो उसमें जबरन कोई और न डाल सके फर्जी होने से बचा जा सकता है।
आपको बता दें कि मतदान से जुड़े रिकॉर्ड रखने वाली मशीन पर मोम की परत होती है इसके साथ ही इसमें चुनाव आयोग की तरफ से आने वाली एक चिप और सीरियल नंबर होता है इन मशीनों के उपयोग से मतगणना का काम आसानी से होता है. एक लोकसभा सीट के लिए डाले गए मतों को सिर्फ 3 से 5 घंटे में ही गिना जा सकता है जबकि बेल्ट पेपर के द्वारा इस काम करने में लगभग 40 घंटे से ज्यादा लग जाता था इसलिए ईवीएम मशीन आज के जमाने के लिए एक चमत्कार है.
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन प्रयोग करने के लाभ
आपको बता दें कि इसमें वोट की गिनती करना बहुत तेजी से होता है जो कि आपको कुछ ही घंटों में रिजल्ट देता है कि कौन सा नेता जीता कौन सा हारा।
आपको बता दें कि एक मशीन को अलग-अलग चुनाव में लगाया जा सकता है जिससे कि आपका बहुत खर्चा होने से बचता है।
आप इस मशीन को एक जगह दूसरी जगह पर एक जगह से दूसरी जगह तक आसानी से ले जा सकते हैं क्योंकि यह इतना भारी नहीं होता ईवीएम में वोट डालने से अब लेस वोट नहीं दे पाते और लोकतंत्र हमारा मजबूत होता है।
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ईवीएम में लगी मेमोरी रिजल्ट को तब तक सेव करके रखती है जब तक उसको कोई अधिकारी डिलीट ना कर दे।
इसमें एक बैटरी लगी होती है जिसमें स्विच लगा होता है एक बार पुलिंग खत्म हो जाने पर बैटरी का स्विच ऑफ किया जा सकता है एक ईवीएम को आप लगभग 15 साल तक चला सकते हैं.
ईवीएम मशीन की क्या है कमी
आपको बता दें कि ईवीएम मशीन की सबसे बड़ी कमी यह है कि एक उम्मीदवार यह जान सकता है कि उसको कितने लोगों ने वोट दिया इस वजह से जितने लोग वाले जीतने वाला उम्मीदवार अपने क्षेत्र के और लोगों के बीच पक्षपात कर सकता है.
जिन जिन लोगों ने उन्हें वोट नहीं दिया लेकिन भारत के निर्वाचन आयोग ने ईवीएम के उत्पादक कंपनियों को इसमें टोटलाइज़र’ लगाने की बात कही है जिसमें सिर्फ पूरा रिजल्ट का पता लगने लगे ना कि किसी उम्मीदवार को व्यक्तिगत रिजल्ट का पता लगे इस इसका निर्माण इस तरह किया गया है कि वोटिंग के समय सिर्फ एक ही आदमी वोटिंग मशीन के पास रहता है और उसे किसी की वोटिंग का पता नहीं चल सकता।
क्या ईवीएम से छेड़छाड़ करना संभव है
आपको बता दें कि जैसे कोई वोट किसी वोटिंग बूथ तो पड़ता है तुरंत उसके कुछ ही घंटे बाद ही है आशंका जताई जाती है कि इससे छेड़छाड़ की गई है. इसे गलत वोटिंग डाली गई है यह लोगों के बीच अफवाह फैलाई जाती है लेकिन इससे छेड़छाड़ करना असंभव है क्योंकि है सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही पर करती है इसमें रो डाटा सेव किया गया है सिर्फ वह एक आदमी का ही डाटा लेती है उससे ज्यादा डाटा आदमी उसको फीट नहीं कर सकता इसलिए यह गलतफहमी है कि इसके साथ छेड़छाड़ की जा सकती है.
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