जैसा कि आप सभी जानते हैं कि ब्रेकअप backup हम किसी चीज का लेते हैं यदि आपने कभी भी बैकअप backup लिया होगा तो आपको पता होगा बैकअप backup के बारे में ,अगर आप कोई कंप्यूटर का कोई मोबाइल डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हो और अगर आपको कोई महत्वपूर्ण डांटा लॉस्ट हो गया हो जाए तो उस उस को लेकर हम बहुत परेशान होते हैं. क्योंकि यह डाटा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
ऐसे में अगर उन डाटा का अगर कोई बैकअप backup होता है तो हम उस से डाटा को एक बार एक बार कर सकते हैं. वैसे अगर मैं बैकअप backup के बारे में बताऊं तो एक ऐसा प्रोसेस process है. जिसका इस्तेमाल करके ओरिजिनल डाटा original data के कई को कॉपी बनाई जा सकती है। ताकि उनका इस्तेमाल किया जा सके जब ओरिजिनल डाटा नष्ट हो जाए ठीक ऐसे समय में ही बैकअप हमारे बहुत काम आता है. इसके साथ अगर डाटा को दूसरे जगह से एक्सेस accessed करना हो तब भी हमारे लिए बहुत काम आता है.ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि बैकअप कैसे लेते हैं बैकअप कैसे प्रयोग किया जाता है इसके बारे में आप को विस्तारपूर्वक बताएंगे।
बैकअप backup क्या है
एक बैकअप backup एक और एक से ज्यादा फाइल का कॉपी होता है. आपको बता दें कि बैकअप backup का मतलब होता है एक से ज्यादा फाइल्स की कॉपी जिन्हें की एक अल्टरनेटिव alternative के रूप में देखा जाता है. ताकि अगर कभी भी ओरिजिनल डाटा original data लॉस्ट हो जाता है। इनका इस्तेमाल कर सकते हैं अधिकतर बार हम डाटा को कंप्यूटर के Hard drive में सेव करके रखते हैं तो ऐसा बहुत बार होता है कि hard drive क्रश हो जाती है क्योंकि अलग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की तरह ही इसमें बहुत सारी खराबी होती है .
बैकअप backup कितने प्रकार के होते हैं?
वैसे देखा जाए तो हम अपने डाटा को बहुत तरीकों से बैकअप backup ले सकते हैं इसके बहुत ही प्रकार हैं जो मौजूद टाइप में बैकअप backup लेने के लिए बहुत ही आवश्यक चीजें हैं हम अपने डिजिटल कंटेंट digital content को बैकअप backup करने के लिए इनका उपयोग करते हैं इसलिए आज उन्हीं बैकअप backup के टाइप के बारे में आप को समझाने की कोशिश कर रहे हैं तो चलिए आप को उनके बारे में बताते हैं.
1. Full Backup
आपको बता दें कि फुल बैकअप एक ऐसा मेथड है जहां की सारी फाइल और फोल्डर को सेलेक्ट किया जाता है और बैकअप करने के लिए यह आमतौर पर प्रारंभिक या पहले बैकअप initial or first backup के अनुसार उपयोग किया जाता है, जिसके बाद वृद्धिशील incremental और अंतर बैकअप differential backups किया जाता है। आपको बता दें कि कुछ लोग अपने छोटे फोल्डर और प्रोजेक्ट के लिए भी फूल बैकअप full backup करना पसंद करते हैं ताकि वह ज्यादा स्टोरेज ना ले सके और बाद में उनके प्रोजेक्ट डिलीट हो जाए तो वे उन्हें आसानी से वापस ले पाए.
Advantages
आपको बता दें कि इन्हें रिस्टोर restore करना बहुत ही आसान होता है और फास्ट है, क्योंकि इसमें फाइल सब फोल्डर की पूरी लिस्ट को एक ही बार में बैकअप सेट करके स्टोर किया जाता है.
इसके साथ ही इसे मेंटेन और रिस्टोर maintain और restore करना अलग-अलग वर्जन के साथ भी बहुत आसान है.
2. Incremental Backup
Incremental Backup एक ऐसा बैकअप है जिसमें कि सभी बदलाव जो होते हैं वह लास्ट बैकअप के बाद वाले होते हैं यहां पर लास्ट बैकअप last backup एक फूल बैकअप full backup या फिर सिंपल Incremental Backup लास्ट भी हो सकता है। यह Incremental Backup बैकअप में एक फूल बैकअपfull backup पहले किया जाता है, और उसके बाद दूसरा बैकअप किया जाता है वह और कुछ नहीं बस वही चेंज फाइल change files और न्यू फाइल होती हैं जिन्हें की लास्ट ब्रेकअप के बाद ऐड किया जाता है.
Advantages
यह बहुत फास्ट बैकअप होता है यहां पर स्टोरेज स्पेस storage space का efficient use होता है, क्योंकि यहां फाइल इसको डुप्लीकेट duplicated नहीं किया जाता है। यहां पर बहुत ही कम स्टोरेज स्पेस का इस्तेमाल किया जाता है.
Disadvantages
यहां पर रिस्टोर restore बहुत ही स्लो slow होता है। फुल बैकअप full backup और differential backups की तुलना में , इसके साथ रिस्टोर थोड़ा कॉम्प्लिकेटेड complicated भी होते हैं. ऐसा करने के लिए, पहले सभी बैकअप सेट करने होंगे जैसे कि पूर्ण बैकअप full backups और दूसरा incremental backup वृद्धिशील बैकअप।
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3.Differential Backup
यह Differential backups वह बैकअप है जो कि फुल बैकअप full backups और incremental backup के बीच में आता है। Differential backups उस
बैकअप को कहा जाता है जब सारे चेंज कर दिए गए हों। लास्ट last में लास्ट फुल बैकअप last full backup करने के बाद Differential backups में सबसे पहले एक फूल बैकअप full backup किया जाता है, उसके बाद फिर जो दूसरा backup run होते हैं ,वही चेंज होती हैं जो कि लास्ट फुल ब्रेकअप के बाद होती है. यहां पर रिजल्ट बहुत ही faster backup का होता है।
Advantages
यह बहुत ही faster backup होता है। इनमें स्टोरेज स्पेस storage space को efficiently के रूप में इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इनमें केवल चेंज किए गए डाटा ही बैकअप में किया जाता है.
4. Mirror Backup
मिरर बैकअप mirror backup जैसे किसके नाम से पता चलता है कि यह ऐसे backup ब्रेकअप को कहा जाता है. जहां की source बैकअप को एक जगह में स्टोर किया जाए ,जैसे कि मिरर में ओरिजिनल original इमेज की एक प्रतिबिम्ब बन जाए, लेकिन यह mirror backup में जब भी एक फाइल कोस्ट file में source डिलीट किया जाता है वहीं इसके मिरर बैकअप में भी वह अपने आप ही डिलीट हो जाता है. इसलिए mirror backup का इस्तेमाल करते वक्त बहुत ही सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि अगर कोई फाइल अगर अनजाने में virus के द्वारा delete हो तब इसका मिरर बैकअप पर असर दिख सकता है इसलिए बहुत से लोग इस बैकअप का उपयोग नहीं करते।
Advantages
आपको बता दें कि यह बैकअप बहुत ही क्लीन होता है और इसमें कोई भी पुरानी फाइल नहीं होती है.
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