जैसा कि आप सभी जानते हैं कि जब से बिजली की उत्पत्ति हुई है, तब से लोगों ने इसका पूरा इस्तेमाल करना आरंभ कर दिया है ,और करें भी क्यों ना बिजलीके फायदे तो इतनी सारी हैं कि बिजली निकलने से लेकर उसे फैलने की प्रक्रिया में ट्रांसफार्मर transformer की एक अलग ही भूमिका होती है, शायद आप नहीं जानते होंगे कि ट्रांसफार्मर transformer क्या है ,यह कैसे काम करता है, तो आज हम आपको इसके बारे में ही बताने वाले हैं तो चलिए आपको बताते हैं।
ट्रांसफार्मर क्या है
ट्रांसफार्मर एक ऐसा विद्युत उपकरण है। जिसका प्रयोग बिना बदले एसी सप्लाई की फ्रीक्वेंसी को बढ़ाने या घटाने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल उन डीसी DC उपकरणों पर किया जाता है ,जो एसी AC सप्लाई द्वारा चलाए जाते हैं. जैसे कि amplifier battery charger इत्यादि डीसी DC उपकरण ऐसे उपकरणों के लिए के मुकाबले बहुत कम बिजली से चलते हैं जैसे कि ऑडियो एंपलीफायर ,12 Volt DC से काम करता है इसलिए ट्रांसफार्मर Transformer का इस्तेमाल करके पहले AC को 220 वोल्ट से 12 वोल्ट में बदला जाता है और फिर से रेक्टिफायर की मदद से एसी से डीसी में बदला जाता है.
ट्रांसफार्मर का आविष्कार किसने किया
आपको बता दें कि सबसे पहले ट्रांसफार्मर का आविष्कार Michael Faraday ने 1831 और Joseph Henry ने 1832 में करके दिखाया था। आज ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल बिजली के हरे क्षेत्र में हो रहा है. बड़े से बड़े पावर स्टेशन से लेकर एक छोटे से घर में भी ट्रांसफार्मर transformer का इस्तेमाल किसी ना किसी रूप में किया जाता है और हर जगह ट्रांसफार्मर का केवल एक ही कार्य होता है बिजली को कम करना या बढ़ाना।
ट्रांसफार्मर की परिभाषा
यदि हम ट्रांसफार्मर transformer, की परिभाषा के ऊपर गौर करें तो यह कैसा डिवाइस होता है जो कि 1 वोल्टेज को स्टेप अप step- up या फिर स्टेप डाउन step-down करता है. वो भी current के corresponding decrease और increase के हिसाब से.ट्रांसफॉर्मर असल में एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी कन्वर्सेशन डिवाइस electromagnetic energy conversion device होता है। जिसमें कि जो एनर्जी receive कि जाती है, प्राइमरी वाइंडिंग में उससे पहले कन्वर्ट किया जाता है मैग्नेटिक एनर्जी में फिर से उसे दोबारा री कन्वर्ट किया जाता है. इलेक्ट्रिक जिसमें सेकेंडरी वाइंडिंग में.
ट्रांसफार्मर के भाग
वैसे तो ट्रांसफार्मर transformers के कई प्रकार होते हैं और सभी ट्रांसफर transformers में कुछ ना कुछ कॉन्पोनेंट होते हैं जो कि छोटे छोटे और बड़े बड़े ट्रांसफार्मर transformers में लगाए जाते हैं। जैसा कि आपको पता है कि ट्रांसफार्मर कई प्रकार के होते हैं, इसलिए बड़े ट्रांसफार्मर transformer के अंदर और भी कई कॉन्पोनेंट component लगाए जाते हैं लेकिन जो component सभी ट्रांसफार्मर में लगे होते हैं उसकी सूची आपको नीचे दी गई है जिसे आप पता लगा सकते हैं ट्रांसफार्मर transformer में कौन-कौन से भाग होते हैं.
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Cores -कोर
ट्रांसफॉर्मर Transformer को Core Form और Shell Form में में बनाया जाता है ,और जिस ट्रांसफार्मर Transformer में वायरिंग को कोर के चारों तरफ लगाया जाता है उसको Core फॉर्म कहते हैं और जिस ट्रांसफार्मर में कोर को वाइंडिंग के चारों तरफ लगाया जाता है उसे Shell Form कहते हैं। ट्रांसफार्मर Transformer की कोर सिलिकॉन स्टील की पत्तियों द्वारा बनाई जाती है ,और यह ट्रांसफार्मर में आयरन और एडी करंट के नुकसान को कम करने के लिए स्थापित किया गया है। इन पत्तियों की चौड़ाई 0.35 Mm से 0.75 Mm के बीच होती है इन पत्तियों के आसपास में वार्निश से जोड़ा जाता है .
Coil
ट्रांसफार्मर की Coil ट्रांसफार्मर के इनपुट और आउटपुट तारों के साथ जुड़ी होती है Coil ट्रांसफॉर्मर में दो कोई अलग ही होती हैं ,जो एक इनपुट का कार्य करती है और दूसरा और उसका कार्य करती है. Coil को वाइंडिंग भी कहा जाता है। यह वाइंडिंग एक दूसरे से जुड़ी नहीं होती है। पहली वाइंडिंग और दूसरी वाइंडिंग एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं,, और इनकी कोर के चारों ओर रैप्स की संख्या भी कम और ज्यादा होती है।. और प्राइमरी वेंडिंग और सेकेंडरी वेंडिंग में सप्लाई म्यूच्यूअल इंडक्शन के कारण होती है.
Insulated Sheet
प्राइमरी वाइंडिंग और सेकेंडरी वाइंडिंग के बीच में एक सीट लगाई जाती है ताकि किसी प्रकार का कोई शार्ट सर्किट हो तो ट्रांसफार्मर में वाइंडिंग पर किसी प्रकार का कोई नुकसान ना हो , इसलिए इस वाइंडिंग के बीच में एक इंसुलेटेड सीट लगाई जाती है।
Conservator Tank
जैसे कि आप पहले हमने बताया कि ट्रांसफार्मर transformer कई प्रकार के होते हैं उन्हीं का आधार पर उनके अंदर कॉन्पोनेंट लगाए जाते हैं. इसलिए थ्री फेज ट्रांसफार्मर में एक टैंक होता है जिसके अंदर तेल डाला जाता है। यह ट्रांसफॉर्मर को ठंडा रखने का काम करता है ,क्योंकि थ्री फेज ट्रांसफार्मर काफी बड़ा होता है इसलिए वह गर्म भी बहुत ज्यादा होता है इसलिए ट्रांसफार्मर को ठंडा रखने के लिए तेल का इस्तेमाल किया जाता है. और इस टैंक में ट्रांसफार्मर के लिए तेल भरा जाता है.
Oil Level Indicator
Conservator Tank टैंक में तेल भरा जाता है लेकिन उसे मापने के लिए उसके अंदर 1 मीटर लगाया जाता है जोकि टैंक में भरे ऑयल की मात्रा को बताता है और यह 1 मीटर इंडिकेटर टैंक के ऊपर ही लगाया जाता है.
Transformer Structure
Transformer की Primary Winding
Transformer की Magnetic Core
Transformer की Secondary Winding
Primary Winding
यह प्राइमरी वाइंडिंग ही है जो कि मैग्नेटिक फ्लक्स को पैदा करती है जब किसी electric source के साथ उसे जोड़ा जाता है.
Magnetic Core
इस प्राइमरी वाइंडिंग में उत्पन्न मैग्नेटिक फ्लक्स को ow reluctance path से गुजारा जाता है जो secondary winding से जुड़ा होता है और यह एक magnetic circuit create बनाता है।
Secondary Winding
प्राइमरी winding जोकि फ्लेक्स में उत्पन्न हुई होती है कि उसे कौर के माध्यम से पास किया जाता है जो कि सेकेंडरी winding के साथ जुड़ी हुई होती है इस वाइंडिंग को उसी कोर में लपेटा जाता है और यह ट्रांसफॉर्मर के लिए आवश्यक आउटपुट भी देता है।
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